
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से चुनावी मैदान के बाहर बम फोड़ा। इस बार आरोप था कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में:
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मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए, वोटिंग प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, और सबूतों को बड़ी सफाई से दबाया गया। उन्होंने X पर अपना लेख शेयर करते हुए लिखा:
- मणिपुर में बवाल, प्रियंका का सवाल – पीएम अब भी ‘मौन’ क्यों?
“ये चुनाव नहीं, लोकतंत्र की चोरी का ब्लूप्रिंट था!”
फडणवीस की जुबानी बाउंसर – “चेहरा गंदा, आईना क्यों धोते हो?”
बीजेपी के दमदार नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल को बिल्कुल देसी अंदाज़ में जवाब दिया:
“ताउम्र आप वही गलती करते रहे, धूल चेहरे पर थी, लेकिन आईना पोछते रहे।”
मतलब साफ़ है – हार की वजह खुद में तलाशो, लोकतंत्र पर कीचड़ मत उछालो!
आंकड़ों की जुबानी – कौन जीता, कौन पिटा?
पार्टी | लड़ी सीटें | जीती सीटें |
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बीजेपी | 149 | 132 |
कांग्रेस | 101 | 16 |
शिवसेना (उद्धव) | 95 | 20 |
NCP (शरद पवार) | 86 | 10 |
राजनीतिक मज़ाकिया मोड़ – बयानबाज़ी या बौखलाहट?
राहुल गांधी का अंदाज़ हमेशा सीरियस लेकिन सिनेमाई रहता है। और फडणवीस का जवाब? पुरानी बॉलीवुड फिल्मों का सटीक पंच – सीधे दिल में गूंजता है।
राहुल बोले – लोकतंत्र खतरे में।
फडणवीस बोले – चश्मा बदलो, नज़रिया ठीक करो।
आरोपों की गोलाबारी, लेकिन जनता पूछेगी – “सबूत है क्या?”
सियासत में हार जीत होती रहती है, लेकिन जब हार के बाद आरोप लगें, तो लोग भी सवाल करने लगते हैं:
“ये आरोप चुनाव के वक्त क्यों नहीं लगाए गए?”
फिलहाल, महाराष्ट्र चुनाव का पोस्टमॉर्टम जारी है। लेकिन देश पूछ रहा है –
“2024 का ब्लूप्रिंट मिला या हार का बहाना बना?”